वार्तालाप 1: मैं और दीदी



 दीदी (ममेरी बहन) गांव से आयी थीं और भैया गांव में होते हैं लफ़ड़े। जितना बड़ा परिवार, लफ़ड़े भी उतने ही बड़े। प्रस्तुत है मेरे और उनके बीच एक रात हुए वार्तालाप का एक अंश:



-- "तो तुम्हें परेशानी क्या है?", मैंने पूछा?

"अरे दीपक कट्टा रखने लगा था... रात को कमबखत घर में बैठा बैठा फायर करता रहता था, अबे दारू पी-पी कर घर में ही कट्टा चलाने लगा था। अब इन दोनों भाइयों के बस की तो कुछ है नहीं, पर कह रहे थे कि गौरव के लिये रखा है.. अबे हरामजादों, तुम ही बड़े सुँदर हो... तुम्हारे निशाने कितने सुँदर होंगे हमें क्या पता नहीं है? और तुम पर गौरव मरेगा तो है नहीं, बल्कि बचने के बाद तुममें और गोली डाल देगा। और चलो... गोली भी ना मारी तो, तो हम सबके खिलाफ़ रिपोर्ट लिखवा देगा... और उसका बाप तो इसी मौके की तलाश में बैठा है... तुमने तो उसके घर के सिर्फ आदमियों के ही नाम लिखवाये थे पर वो तो औरतों और बच्चियों को भी नहीं छोड़ेगा। सबरी बड़ी मम्मी-सड़ी मम्मी के नाम लिखवा देगा उसका बाप। और हम सड़ेंगे जेल में.. तुम्हारे पास तो हमारी ज़मानत देने के लिये भी पैसा नहीं होगा, है ना?"

-- "तुमने दीपक से कट्टा नहीं छीना?"

"अरे छीना था... मैंने पापा को दिया तो मुझे बोले 'साली तू गुँडी है।'.. मैंने बड़ी मम्मी को दिया तो उन्होंने वापस दीपक को दे दिया।  ऊपर से हमारी मम्मी का हाल खराब है, सूख कर सींक सी हो गयी हैं.. उस लड़की की निगरानी करते करते.. ये हाल हो गया था उनका कि रात को सोते सोते हड़बड़ा कर उठती थीं.. चीखती थीं, 'उरे भाग गयी गयी.. निकल गयी.. ' मैं तो कसम से परेशान हो गयी हूँ। ऊपर से आकाश पहले दारू पीकर आता था तो कहता था, 'मेरे दोस्त इस लड़की की वजह से मुझे ताना मारते हैं, इसीलिये दारू पीकर आता हूँ।'... पर अब तो हमने उस लड़की की शादी कर दी... अब हमने पूछा कि दारू क्यों पीता है तो कहता है, 'मेरे बाप ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी.. मुझे MBA नहीं कराया.. मेरी बीवी और मेरे बच्चे का क्या हाल होगा?'"

-- "अरे वो तुम्हारी 'सोनू-DSP' के क्या हाल हैं?", मैंने पूछा।

"अरे उस छोरी ने पूरे घर का हाल खराब कर रखा है। वो तो वो, साथ ही उसकी छोटी बहन भी कम नहीं है। दोनों की दोनो बहनें दीपक के साथ लगी रहती हैं। और वो सोनू, पूरी रात छत पर रहती है और फोन पर बात करती रहती है पता नहीं कौन कौन से लड़कों से.. मैंने एक दिन बड़ी मम्मी से कहा तो बोलीं, 'बात ना करती है वो पढाई करती है।'... और उसके बाद जब फेल हो जाती है तो कहती हैं, 'पढ़ाई कामयाब नहीं हुयी।'... सुसरी उसका चक्कर एक तरफ तो 'डॉ. धनीराम' के कम्पाउण्डर से चल रहा है... और दूसरी तरफ उसके मरीज़ से। दोनों की दोनों बहनें बारी बारी से दीपक से सेटिंग चलाती रहती हैं, पर एक दूसरे पर नज़र भी रखती हैं... अब बुरा तो उन दोनों को भी लगता होगा ना... अब तू समझ जा।"

-- "और आकाश भैया का क्या सीन है?"

"कुछ नहीं है... अब भाभी ने सख्ती कर दी है तो वो सोनू को पास भी नहीं आने देता है वर्ना पहले तो.. जहाँ मौका मिलता था वहीं सोनू के साथ निकल लेता था... अब सोच दिसम्बर की रात में आकाश और सोनू ऊपर छत पर खाट डालकर सो रहे हैं।"

-- "नहीं मतलब.. काम का क्या सीन है? जैसे कि पैसे का..."

"पापा को 15000 रु उधार लाकर दिये थे... कह रहा था कि किसी दोस्त से लाया था पर हमें पता है कि खुद ही ने दिये थे बस नाम अपने दोस्त का लगा दिया था। अब जब पापा ने पैसे लौटाये, तो उनसे ब्याज़ में 1500 रुपये माँगे। जब मैंने पूछा कि 1500 रुपये कैसे हुये तो चीखने चिल्लाने लगा और जब मैंने हिसाब लगा कर दिया तो निकला ये कि 150 रुपये का ब्याज़ बनता था.. मेरा इतना बोलना था कि बस भड़क गया। बोलने लगा, 'अब तो चाहे कितने का ही ब्याज़ हो देने तो उसे 1500 ही पड़ेंगे.. मैंने ज़बान दी है उसे', मैंने मना कर दिया।"

-- "भाभी को बुरा नहीं लगता कि आकाश भैया ऐसे करते हैं?"

"अरे खूब लगता है... रात को ताना मारती रहती हैं, कहती हैं, 'तुम तो एक चाय की दुकान खोल लो.. और तुम पर कुछ तो होगा नहीं'... तो एक दिन गोपाल सुनकर बोला... 'लो आधी चाय तो ऐसे ही खत्म हो जायेगी.. हम ही पी जाया करेंगे।'
उसके अलावा भाभी कभी कभी पापा से भी कह देती हैं कि आप उन्हें पैसे मत दिया करो.. तो खुद ही कुछ कर लिया करेंगे। तो भाभी के लिये चीखता रहता है... 'मेरी तो ज़िँदगी बर्बाद करा दी इसस गाँव की छोरी से ब्याह कराके।'

भाभी एक दिन मुझसे पूछ रहीं थीं कि आकाश उनसे कह रहा था, 'तेरे साथ तो मेरी किस्मत फूट गयी वर्ना मुझे तो इतने अच्छे अच्छे औफर आ रहे थे.. मेरी तो गर्लफ्रैण्ड भी राज़ी थी।' तो मैंने बोल दिया कि तुम चिंता मत करो या पे आजतक एक छोरी तो क्या कुतिया भी ना पटी।"


अब बस इतना ही लिख पाया था कि मम्मी आ गयीं.. उन्हें मेरे देर रात जाग जाग कर लिखने से कुछ ऐलर्जी है तो रात में मुझे उनके सामने लिखना बँद करके सोने जाना पड़ता है... तो अभी तो बस इतना ही है... बाकी शायद लिखूं या ना लिखूं, पता नहीं।

तो मैं सोने जा रहा हूँ सो अभी के लिये नमस्ते।


अपडेट 2020: आकाश भैया की शादी को कई साल बीत चुके हैं और अब उनके दो खूबसूरत छोटे बच्चे भी हैं। परंतु अब आकाश भैया की जगह ड्रामे करने का ये ज़िम्मा, घर के छोटे नवाब दीपक और गोपाल ने उठा लिया है। अब दीदी मुझसे वार्तालाप नहीं करतीं, लेकिन मेरी मम्मी जी के पास रोज़ सुबह उनका फ़ोन किसी रिपोर्ट की तरह आता है। जिसके बाद मम्मी मुझे इन सभी ड्रामों के अपडेट विस्तार से रिले कर देती हैं।

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